वयं सर्वे जानिम: यत् संस्कृतभाषा सम्पूर्णविश्वस्य प्राचीनतमा भाषा अस्ति। वयं भारतीया: अस्या: भाषाया: पुत्रा: एव। न कश्चित् हिन्दुमुश्लिमसिखइसाई अपितु सर्वे ये भारते निवसन्ति भारतीय: एव अत: अस्माकं सर्वेषाम भाषा एषा देववाणी। अद्य सम्पूर्ण विश्व: एकस्वरेण स्वीकरोति यत् एषा गीर्वाणवाणी संस्कृतभाषा विश्वस्य प्राचीनतमा भाषा अत: वयं अस्मिन विषयेपि सौभाग्यशालिन:। पुनश्च अस्माकं संस्कृतभाषायामेव वेदादि सदृश: प्राचीनतम अपि च सुपयोगि ग्रन्था: सन्ति।
किन्तु अद्य अस्माकं संस्कृतभाषाया: उपरि आंग्लभाषाया:प्रभाव: जायमान: अस्ति। वयं भारतीया:एव अद्य अस्माकं मातृभाषां परित्यज्य अपरभाषाणां भाषणं कुर्वन्त:स्म: । अनेन कारणेनेव अद्य संस्कृतस्य संस्कृते: च दुर्गति: जायमाना अस्ति। अत: आगम्यताम, अद्य एकं संकल्पं स्वीकुर्म: यत् संस्कृतस्य पुनरूत्थानाय वयं स्वस्य जीवनं दद्म:। संस्कृतकार्यं राष्टकार्यं अत: भारतस्य संस्कृतिरक्षार्थं वयं संस्कृतस्य प्रसारं करिष्याम:
संस्कृतस्य प्रसाराय नैजं सर्वं ददाम्यहम्
जयतु संस्कृतं, जयतु भारतम्
सुस्वागतम अपने विद्यालय के दिनो मे टोडी संस्कृत पढ़ी थी। उसमे एक अध्याय मे एक बात कहि गई थी "संस्कृत विश्व की प्राचीनतम एक मात्र जीवित और सबसे अधिक वैज्ञानिक भाषा है। जब हमारे सिक्षक ने सूत्रों के आधार पर बीजगणित के इक्वेशन की भाति शब्द निर्माण कर के दिखाया तो मेरे लिए इसकी वैज्ञानिकता प्रमाणित हो गई कलांतर मे अपने महानगरीय उच्च सिकक्षा के क्रम मे मैं इस देवभाषा से दूर होगया पुनः पास लाने के लिए कोटी कोटी धन्यवाद। एक छोटी सी विनती है की हफ्ते मे किसी दिन विशिष्ट को चुन कर आम दैनिक जीवन मे वार्तालाप मे प्रयुक्त वाक्यों को संस्कृत मे रूपांतरित कर बताएँ ताकि इक्छुक जान इस देवभाषा को आफ्नै आम जिंदगी मे प्रयोग कर सके। सदैव आपके साथ बस लिखते रहें।
आपके सुझाव के लिये आपका आभारी हूं तथा विश्वास दिलाता हूं कि सप्ताहांत में मैं संस्कृत के कुछ दैनिक प्रयोग के वाक्य जरूर पोस्ट करूंगा, बस यूं ही नियमित सुझाव देते रहें कि मै इस ब्लाग को अत्युपयोगी बना सकूं
आपका आनन्द
mughe sanskrit kum aati hai par aapne likha hai acha hi likh hoga
स्वागत है आनन्द जी, आपका बहुत बहुत
आपका ब्लॉग वाकई प्रन्शसनीय है| हमारी बधाई स्वीकारें \संस्कृत भाषा पर अभी उतनी पकड़ नहीं है मेरी अत: कमेन्ट हिन्दी में देे रही हूँ| वैसे कोशिश करना शुरू कर दिया है|