शत्रोरपि गुणा वाच्या, दोषा वाच्या गुरोरपि |
.शत्रुओं के भी गुण तथा गुरुओं के भी दोष कह देना योग्य है..
छोटी सी सूक्ति में कितनी बडी बात कह दी हैधन्यवाद प्रतुल जीइस तरह की सूक्तियाँ आगे भी भेजते रहें ।।
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शत्रुओं के भी गुण तथा गुरुओं के भी दोष कह देना योग्य है.
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छोटी सी सूक्ति में कितनी बडी बात कह दी है
धन्यवाद प्रतुल जी
इस तरह की सूक्तियाँ आगे भी भेजते रहें ।।